गणेश पंडाल लगाने से कोई भी कानून नहीं रोक सकता : बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाई कोर्ट ने गणेश पंडाल की अस्थाई अनुमति देने वाली याचिका खारिज की।



केस :

 मनीष रमणिकलाल सावला vs महाराष्ट्र सरकार 

चीफ जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस अमित बोरकर की खंडपीठ ने एक याचिका की सुनवाई करते हुए कहां की गणेश चतुर्थी के दौरान गणेश पंडाल के लिए भूमि आवंटित करना जरूरी और और गणेश पूजा समाप्त होने के बाद गणेश पंडाल खाली कर दिया जाता है।

याचिका करता की तरफ से ऐसा कोई भी कानून दिखा ने में असफल रहा है।  जो गणेश पंडाल लगाने के लिए अस्थाई अनुमति नहीं देता। 

कोर्ट ने आगे कहा।

हमने देखा की याचिकाकर्ता और उनके वकील ऐसा कोई भी कानून दिखने में असमर्थ रहा है जिसके चलते कोर्ट इस फैसले पर पहुंच सके की कानून में प्रावधान किया गया है कि गणेश पंडाल के लिए भूमि आवंटित करना गैर कानूनी है।

याचिका करता की तरफ से जो याचिका दायर की गई है। उसमें यह भी कहा गया था कि जहां पर गणेश पंडाल के लिए भूमि आवंटित की गई है वह बिल्डर की भूमि है। और इसी भूमि पर गैर कानूनी रूप से अतिक्रमण का आरोप लगाया गया था। याचिका करता ने तर्क दिया था कि यह भूमि आसपास के रहने वाले लोगों के लिए मनोरंजन के हेतु से खुली रखी गई थी। 

इस जनहित याचिका के संबंध में न्यायालय ने उल्लेख किया भूमि राजस्व कलेक्टर ने न्यायालय के निर्देश अनुसार मामले की जांच कर आदेश पारित किया गया था। और इस आदेश को किसी भी व्यक्ति ने विपरीत बताकर इसका विरोध नहीं किया गया था जिसके चलते यह जनहित याचिका सुनने योग्य नहीं है। और मुंबई हाईकोर्ट ने यह जन हित याचिका खारिज कर दी थी।



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